manishasaini
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बहुजन समाज पार्टी की मुख्य मायावती और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को निशाना बना रहे हैं। उनके हमलों का अधिकतम ध्यान भाजपा और आरएसएस पर है। उनके टिप्पणियों ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इससे सवाल उठता है कि उनके हमलों का मतलब क्या है? यहां ध्यान देने योग्य है कि उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है, फिर भी उन्होंने भाजपा पर हमला किया है।
यह हमला मुस्लिम वोट को बांटने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। पार्टी ने 20 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और हर इलाके में उनके बड़े हिस्से को मुस्लिम उम्मीदवार दिए गए हैं। मुस्लिम वोट को बांटकर वे भाजपा को उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और यह उनकी रणनीति का हिस्सा है।
मायावती ने कई सीटों पर पहले हिंदू उम्मीदवारों को उतारा, लेकिन बाद में उन्होंने टिकट काट कर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा। इससे साफ है कि उनका लक्ष्य है मुस्लिम वोट को बांटना। वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि भाजपा को मुस्लिम वोट से कोई भी फायदा न मिले।
इस रणनीति के हिस्से के रूप में, मायावती ने उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और इससे स्पष्ट है कि उनका लक्ष्य है विरोधी पार्टियों को मुस्लिम वोट से अलग रखना। इससे समझा जा सकता है कि मायावती ने विरोधी पार्टियों को तक़नीकी दिक़ता में डालने का भी प्रयास किया है।
https://www.nayaindia.com/politics-3/lok-sabha-election-mayawati-pm-narendra-modi-456077.html
यह हमला मुस्लिम वोट को बांटने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। पार्टी ने 20 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और हर इलाके में उनके बड़े हिस्से को मुस्लिम उम्मीदवार दिए गए हैं। मुस्लिम वोट को बांटकर वे भाजपा को उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और यह उनकी रणनीति का हिस्सा है।
मायावती ने कई सीटों पर पहले हिंदू उम्मीदवारों को उतारा, लेकिन बाद में उन्होंने टिकट काट कर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा। इससे साफ है कि उनका लक्ष्य है मुस्लिम वोट को बांटना। वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि भाजपा को मुस्लिम वोट से कोई भी फायदा न मिले।
इस रणनीति के हिस्से के रूप में, मायावती ने उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, और इससे स्पष्ट है कि उनका लक्ष्य है विरोधी पार्टियों को मुस्लिम वोट से अलग रखना। इससे समझा जा सकता है कि मायावती ने विरोधी पार्टियों को तक़नीकी दिक़ता में डालने का भी प्रयास किया है।
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